What is Lampi virus?। लंपी वायरस क्या है?
Lampi Skin Disease Virus (LSDV) : लम्पि वायरस एक ऐसा वायरस है, जिसका प्रकोप ज्यादातर मवेशियों जैसे: गाय, भैंस आदि में देखने को मिलता है, यह वायरस एक वायरल टाइप का है, जिससे दूसरे पशुओं को भी संक्रमण होने का खतरा बना रहता है। ग्लोबल अलायन्स फोर वेक्सीन एंड इम्युनाइजेशन (GAVI) के अनुसार यह वायरस Lampi Skin Disease (LSD), Capripox virus के कारण होता है, इसके अलावा इस वायरस को गोटपोक्स, शिपपोक्स फैमिली में रखा गया है। यह वायरस ज्यादातर मच्छर, मक्खी आदि के माध्यम से ज्यादा फैलता है। वर्तमान में इस वायरस ने कोरोना वायरस जैसा रूप लिया हुआ है एवं यह तेजी से फैल रहा है। इस रोग को गांठदार त्वचा रोग भी कहते हैं
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Lampi virus क्या है। इसके लक्षण एवं उपाय |
लम्पि स्किन रोग LSD के लक्षण Lampi virus ke lakshan
- Lampi skin virus ज्यादातर गांवो में देखने को मिलता है, क्योंकि गांवो में मवेशियों कि संख्या भी ज्यादा होती है तथा साफ सफाई पर कम ध्यान दिया जाता है।
- यह वायरस जब किसी मवेशी में आता है, तो उसे कई दिन से थोड़ा बुखार आता है तथा पूरे शरीर में फफूले / छाले हो जाते हैं, एवं कुछ गांठ भी बन जाती है।
- गांवो में इसे चेचक (बड़ी माता) निकलने जैसा माना जा रहा है।
- इसके अलावा जो भी गाय भैंस lampi virus संक्रमित होती है, उसके मुंह से बहुत अधिक लार आती है,
- इसके अलावा मवेशियों के पैरों में सुजन रहती है, जिसके कारण उन्हें बैठने में काफी तकलीफ़ होती है।
- इस रोग से संक्रमित दूधारू पशु दूध देना बंद कर देता है या दूध कि मात्रा धिरे धिरे गिरने लगती हैं।
- Lampi skin virus रोग से ग्रस्त पशु अगर गर्भवती है तो उसके गर्भ के गिरने का खतरा बना रहता है।
- इस रोग से संक्रमित पशु चारा ख़ान बंद कर देता है, क्योंकि उसकी भूख मर जाती हैं। इससे उनकी सहन शक्ति कम हो जाती है तथा उनमे चलने में परेशानी देखने को मिलती हैं।
- इस रोग से संक्रमित पशु ज्यादातर खड़े रहते हैं तो खडे ही रहते हैं तथा बैठे हैं तो बैठे ही रहते हैं क्योंकि उन्हें उठने बैठने में तकलीफ़ महसूस होती है।
LSD के संक्रमण से बचाने के कुछ उपाय Lampi virus ke sankramn ke upay
- इस रोग LSD से संक्रमित पशु को अन्य पशुओं से काफी दूरी पर रखना चाहिए।
- इस lampi virus से ग्रस्त पशुओं के पास मच्छर मक्खी आदि को नहीं पनपने देना चाहिए इससे संक्रमण का खतरा बना रहता है।
- संक्रमित पशुओं को आइसोलेटेड किया जाना चाहिए इससे भी संक्रमण को काफी हद तक रोका जा सकता है।
- गांवो में इस lampi virus संक्रमण को रोकने हेतु पशुओं के आस पास सुखी घास या सुखा चारा एवं नीम के पत्तों आदि को जलाकर धुंआ करने से मच्छर नहीं पनपते और संक्रमण का खतरा कम होता है।
- इसके अलावा इस लम्पी वाइरस से ग्रस्त पशुओं कि अगर मृत्यु हो गई हो तो उन्हें एक गहरे गड्ढे में दफनाना चाहिए। इससे संक्रमण का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
लम्पि स्किन रोग के उपचार एवं दवा Lampi Virus Treatment & medicine
लम्पि स्किन वायरस के घरेलू उपाय । Lampi virus ke gharelu upchar
लंपि स्किन वायरस रोग से ग्रस्त पशुओं का इलाज करना या करवाना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि ध्यान नहीं दिये जाने के कारण उनकी मृत्यु भी हो सकती है।
इस गांठदार त्वचा रोग से ग्रस्त पशुओं को ऐसा खाना देना चाहिए, जिससे कि उनकी इम्यूनिटी पावर बढ़ाई जा सकती है।
इसके अतिरिक्त आप मवेशियों को नीम तथा फिटकरी के गर्म पानी से दिन में दो से तीन बार नहलाये ।
उनके लिए कुछ हल्का भोजन तैयार करें तथा उसमें हल्दी पाउडर का उपयोग अवश्य करें।
इसके अलावा नीम का गिलोय का सेवन भी काफी असरदार होता है। इसके लिए आप घरेलू नुस्खे पढ सकते हैं।
लम्पि स्किन डिजीज के लिए कौन सा टिका लगवाए Lampy Skin Disease LSD Vaccine.
इस रोग से ग्रस्त पशुओं को जल्द से जल्द टीका लगवाना चाहिए जिससे कि इससे प्रभावित पशुओं कि संख्या को कम किया जा सके। इसके लिए हाल ही में एक स्वदेशी वैक्सीन lumpi proVaclnd लांच कि गई है। जो कि इस वायरस पर काफी असरदार है। अतः इस रोग से ग्रस्त पशुओं को जल्द से जल्द यह वैक्सीन/टीका लगवाना चाहिए।
क्या लम्पि वायरस से इंसानों को भी है खतरा
लम्पि स्किन रोग एक मवेशियों में होने वाला रोग है, यह एक वायरल टाइप का रोग है जो सिर्फ पशुओं में जैसे गाय भैंस आदि में देखने को मिलता है, इस प्रकार के रोग से इंसानों के संक्रमित होने का खतरा नहीं रहता है। यह एक पशु रोग है जो केवल पशुओं में ही संक्रमण के कारण अधिक फैलता है। इसलिए इंसानों को बीना डरे उन बेजुबान जानवरो कि सेवा करनी चाहिए जो इस रोग से ग्रस्त हैं।
किन किन क्षेत्रों में देखने को मिला इसका प्रकोप
Lampi virus तेजी से फैल रहा है, भारत के कुछ जिलों जैसे राजस्थान, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश आदि में इस lampi skin virus का प्रकोप देखने को मिला है जिसमें राजस्थान में सबसे ज्यादा इसका प्रभाव रहा है। इस वायरस के कारण राजस्थान में लगभग 10 लाख से ज्यादा गाय भैंस संक्रमित हुए है तथा लगभग 45 हजार कि मोत हो चुकी है, और यह संख्या धीरे धीरे बढ़ती ही जा रही है यह वायरस भैंसों कि तुलना में गायों पर ज्यादा असरदार होता है
कहां से शुरू हुआ lampi skin virus का सफर
गाय भैंस आदि में तिव्र गति से फैल रहा Lampi Skin Disease Virus सबसे पहले लगभग 93 वर्ष पहले 1929 में अफ्रीकी देश ज़ाम्बिया में देखने को मिला था। उसके बाद 1949 में इस रोग के कारण साउथ अफ्रीका में लगभग 80 लाख मवेशी प्रभावित हुए थे। इसके बाद भी इसका प्रभाव कई देशों में देखने को मिला।
भारत के संदर्भ में अगर हम बात करें तो Lampi skin virus पहला केस 2019 में देखने को मिला तब इसका इतना प्रभाव देखने को नहीं मिला था।
लेकिन इसके बाद 2022 में धीरे धीरे Lampi skin virus का प्रभाव पूरे भारतवर्ष में देखने को मिला है। यह एक बहुत ही गंभीर परिस्थिति बनकर उभरा है। जो कोरोना वायरस जैसे ही वायरल हो रहा है।
Lampi virus का भारत कि अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि भारत कि अर्थव्यवस्था में किसान भाइयों द्वारा काफी योगदान रहता है, और इसके लिए कुछ हद तक किसान भाइयों के पशुओं से उत्पादित दूध का हिस्सा है, इस Lampi Skin Disease Virus से संक्रमित होने के बाद पशु दूध से निरंतर घटता जाता है। इसके अलावा यह वायरस एक महामारी कि तरहा फैल रहा है, जिसके चलते लोगों ने दूध खरीदना एवं उपयोग में लेना काफी कम कर दिया है। अगर लगातार ऐसा ही रहा तो दूध उत्पादन में काफी गिरावट देखने को मिलेंगी जो कि भारत कि अर्थव्यवस्था के लिए खतरा साबित हो सकती है।
Disclaimer :
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